सर्दी-खांसी से अलग होते हैं मलेरिया के लक्षण, कैसे करें पहचान
25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को मलेरिया के बारे में जागरूक करना होता है। वहीं मलेरिया के मामले में अधिकतर लोगों को यह पता नहीं होता है कि इस बीमारी की पहचान कैसे करें। क्या सामान्य बुखार भी मलेरिया ही हो सकता है। आइए इस बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं।
हाई फीवर और पसीना: हालांकि तेज बुखार किसी अन्य बीमारी का संकेत भी हो सकता है। लेकिन यह अक्सर उन लोगों में देखा जाता है जिन्हें मलेरिया होता है। यदि आपको तेज़ बुखार है तो तुंरत डॉक्टर से मिलें।
पैरासाइट से होने वाली बीमारी
मलेरिया पैरासाइट से होने वाली बीमारी है। यह परजीवी या पैरासाइट संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है। जिन लोगों को मलेरिया होता है, वे आमतौर पर तेज बुखार और कंपकंपी वाली ठंड के साथ बीमार पड़ते हैं।
मलेरिया का कारक
यह एक जानलेवा बीमारी है, जोकि संक्रमित एनोफिलीज मच्छरों के काटने से फैलती है। संक्रमित मच्छरों में प्लाज्मोडियम परजीवी होते हैं। जब यह मच्छर काटता है, तो परजीवी आपके खून में मिल जाते हैं। ये परजीवी लिवर में पहुंचकर पनपने लगते हैं। इसके बाद परिपक्व परजीवी रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं और लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करना शुरू कर देते हैं।
मलेरिया की बीमारी की पहचान कैसे करें
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मलेरिया होने पर तेज बुखार के साथ हल्की-हल्की ठंड लगती है। कुछ लोगों को बहुत ज्यादा थकावट और उल्टी-दस्त की समस्या होती है। जब इसके लक्षण गंभीर होते हैं तो सांस लेने में परेशानी और लगातार खांसी आने लगती है। वहीं, नॉर्मल सर्दी या वायरल बुखार में सांस लेने में परेशआनी या उल्टी-दस्त की समस्या नहीं होती है। सामान्य बुखार में मांसपेशियों में दर्द या हल्की ठंड भी नहीं लगती है।