शुद्ध पानी तो चाहिए लेकिन आरओ वाटर? ना बाबा ना, जानिए कैसे और क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
हम तो यह सोचकर रिवर्स ऑस्मोसिस सिस्टम का अच्छा-खासा खर्च उठाते हैं कि जान है तो जहान है। स्वस्थ रहने के लिए आरओ से फिल्टर पानी पीते हैं ताकि अशुद्ध पानी से कोई बीमारी न हो जाए। लेकिन सच्चाई कुछ और है। आरओ ने केवल पानी से गंदगी को हटाता है बल्कि उसमें घुले खनिज पदार्थों को भी खत्म कर देता है। वहीं जो शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इस कारण विशेषज्ञों की चेतावनी है कि आरओ का पानी कुछ बीमारियों से दूर रखता है तो कई तरह की समस्याएं भी पैदा कर देता है। साफ-साफ शब्दों में कहें तो आरओ का पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
आपको बता दें कि साल 2019 में WHO की तरफ से कहा गया था कि RO मशीनें पानी को साफ करने में बहुत प्रभावी हैं। लेकिन वे कैल्शियम और मैग्नीशियम को भी हटा देती हैं, जो शरीर में एनर्जी प्रोडक्शन के लिए जरूरी हैं। इसलिए, RO फिल्टर से ट्रीटेड पानी का लंबे समय तक सेवन हेल्थ के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है। डॉ अमित राणा ने कहा कि आरओ से पानी फिल्टर करने में जरूरी कैल्शियम और मैग्नीशियम 90% से 99% तक नष्ट हो जाते हैं। इस तरीके का पानी पीने से आपके शरीर में नुकसान होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्वास्थ्य विभाग, एनजीटी ने भी पूरे देश के सभी राज्यों से जानकारी मांगी है जिसमें उन्होंने कहा है कि जहां पर जिस क्षेत्र में पानी का टीडीएस 500 से नीचे है वहां पर आरो लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाए क्योंकि आरो लगाने से 70% पानी की बर्बादी भी होती है।
सभी को अपने लाइफ स्टाइल को बढ़ावा देने की बजाय अपने स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देना चाहिए। जहां पर पानी खराब है वहीं पर ही आरो लगाना चाहिए। क्योंकि लंबे समय तक आरो का पानी पीने से हमारे शरीर में कई गंभीर बीमारियां हो जाती हैं। ऐसे में हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी हम आरो का पानी दे रहे हैं। इससे हमारे आने वाले बच्चे कमजोर और स्वस्थ होंगे तो अपनी आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए हमें मिनरल पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।