साक्षी मलिक के सन्यास लेने के बाद मां हुई भावुक, बोली शोषण के खिलाफ चालीस दिन तक सड़क पर लड़ाई लड़ी
भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह बनने के बाद साक्षी मलिक ने कुश्ती को ही अलविदा कह दिया। साक्षी मलिक ने कुश्ती से सन्यास लेने का फैसला लिया जितना साक्षी मलिक के लिए यह फैसला प्रभावित करने वाला था। उतना ही उसके परिवार वालो को झटका लगा। साक्षी मलिक की मां सुदेश मलिक ने साक्षी के सन्यास को लेकर कहा जितना मैं आहत हूं उतना ही देश इस फैसले से आहत है।
देश के मेडल जीतने के बाद उस मुकाम पर पहुंचने पर भी न्याय नहीं मिला। शोषण के खिलाफ चालीस दिन तक सड़क पर लड़ाई लड़ी मगर उन्हें न्याय नहीं मिला। वह अपनी लड़ाई नहीं लड़ रही थी बल्कि उस ब्रज भूषण जैसी बड़ी ताकत से लड़ रहे थे। अब अध्यक्ष का चुनाव हुआ उसका राइड हैंड बना है ब्रज भूषण ही कुश्ती संघ में अपनी चलेगा वह कुश्ती को नही छोड़ सकता है उसका कुश्ती पर पूरा होल्ड हो गया है। जो हालात पहले थे वह बदलने वाले नही है।
जो सरकार की तरफ से न्याय का आश्वासन मिला था वह सिर्फ वह आश्वासन ही निकला। वे सभी कुश्ती संघ में सुधार करना चाहते थे एक महिला को अध्यक्ष बनाना चाहते थे ताकि परिवर्तन हो। कोई भी महिला कुश्ती खिलाड़ी अपनी बात आसानी से रख सके। उनकी आवाज सुन सके। यह ब्रज भूषण की जीत हुई है जिससे आहत होकर साक्षी ने सन्यास लिया है।
वहीं मां ने कहा कि जो सरकार की तरफ से न्याय का आश्वासन मिला था वह सिर्फ आश्वासन ही निकला। वह सभी कुश्ती संघ में सुधार करना चाहते थे एक महिला को अध्यक्ष बनाना चाहते थे, ताकि परिवर्तन हो। कोई भी महिला कुश्ती खिलाड़ी अपनी बात आसानी से रख सके। उनकी आवाज सुन सके। यह बृजभूषण की जीत हुई है जिससे आहत होकर साक्षी ने सन्यास लिया है।
जानकारी के मुताबिक बता दें कि टेबल पर अपने जूते रखकर साक्षी ने नाटकीय अंदाज में संन्यास की घोषणा की. साक्षी की आंखों में आंसू थे, उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिल से लड़ाई लड़ी लेकिन बृजभूषण जैसा आदमी, उसका बिजनेस साझीदार और करीबी सहयोगी डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है तो मैं कुश्ती छोड़ती हूं। बता दें कि ’’ राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता 31 वर्षीय साक्षी ने कहा, ‘‘हम एक महिला अध्यक्ष चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’’