सर्व पितृ अमावस्या आज, जानें क्या है श्राद्ध की पूजा विधि और नियम ?
श्राद्धपक्ष का अंत आज आश्विन महीने की अमावस्या तिथि को होगा। आज के दिन अपने पितरों और पूर्वजों को श्रद्धा अर्पित करने के लिए पितृपक्ष के दौरान प्रमुख कर्मकांड किए जाते हैं। बता दें कि सर्वपितृ अमावस्या के दिन को विशेष रूप से उन पितरों के श्राद्ध कर्म के लिए उपयोगी माना जाता है। जिनकी मृत्यु तिथि परिवार के सदस्यों को याद नहीं रहती है। इस दिन उन पितरों के लिए विधि पूर्वक कुछ विशेष कर्मकांड कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।
आईए जानते है सर्व पितृ अमावस्या की तिथि क्या है?
सर्व पितृ अमावस्या 14 अक्टूबर यानी आज मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि का आरंभ 13 अक्टूबर यानी कल रात 9 बजकर 50 मिनट पर हो चुका है और अमावस्या तिथि का समापन 14 अक्टूबर यानी आज रात 11 बजकर 24 मिनट पर होगा। वहीं बात करें कुतुप मूहूर्त की तो 14 अक्टूबर यानी आज सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दिन 12 बजकर 30 मिनट तक का मूहुर्त है। रौहिण मुहूर्त दिन में 12 बजकर 30 मिनट से 1 बजकर 16 मिनट तक का है। वहीं अपराह्न काल दिन में 1 बजकर 16 मिनट से दोपहर 03 बजकर 35 मिनट तक है।
ऐसे दें पितरों को विदाई
अमावस्या के श्राद्ध पर भोजन में खीर पूड़ी का होना आवश्यक है। भोजन कराने और श्राद्ध करने का समय दोपहर होना चाहिए। ब्राह्मण को भोजन कराने के पूर्व पंचबली दें और हवन करें। श्रद्धा पूर्वक ब्राह्मण को भोजन कराएं, उनका तिलक करके दक्षिणा देकर विदा करें। बाद में घर के सभी सदस्य एक साथ भोजन करें और पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
सर्व पितृ अमावस्या पूजन विधि
1. तर्पण-दूध, तिल, कुशा, पुष्प, सुगंधित जल पितरों को अर्पित करें.
2. पिंडदान-चावल या जौ के पिंडदान, करके भूखों को भोजन दें.
3. निर्धनों को वस्त्र दें.
4. भोजन के बाद दक्षिणा दिए बिना एवं चरण स्पर्श बिना फल नहीं मिलता.
5. पूर्वजों के नाम पर करें ये काम जैसे -शिक्षा दान,रक्त दान, भोजन दान,वृक्षारोपण ,चिकित्सा संबंधी दान आदि अवश्य करना चाहिए.1